हर साल 'जगन्नाथ रथ यात्रा' धूमधाम से निकाली जाती है
इस बार भगवान जगन्नाथ की 146वीं रथयात्रा निकाली जा रही है
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, आषाढ़ के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा अपनी मौसी के घर जाते हैं
रथ यात्रा पुरी के जगन्नाथ मंदिर से तीन दिव्य रथों पर निकाली जाती हैं.
सबसे आगे बलभद्र का रथ, उनके पीछे बहन सुभद्रा और सबसे पीछे जगन्नाथ का रथ होता है.
क्यों निकाली जाती है रथ यात्रा ?
भगवान जगन्नाथ की बहन ने एक बार नगर देखने की इच्छा जताई.
तब जगन्नाथ और बलभद्र अपनी लाडली बहन सुभद्रा को रथ पर बैठाकर नगर दिखाने निकल पड़े.
इस दौरान वे मौसी के घर गुंडिचा भी गए और यहां सात दिन ठहरे.
तभी से जगन्नाथ यात्रा निकालने की परंपरा चली आ रही है.